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सकारात्मक सोच से बदलेगी ज़िंदगी, अपनाएं ये ख़ास बातें

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कामयाबी और सही निर्णय ये दो चीजें बेहद जरूरी है. हम सभी अपने जीवन में कामयाब होने की इच्छा रखते हैं. और ये भी चाहते हैं कि हम हमेशा सही निर्णय लें. आपने अक्सर सुना होगा मन के हारे हार है, मन के जीते जीत… इसका मतलब मन में किसी काम को करने के लिए ठान लें तो वो काम जरूर होता है और अगर हम ये सोच लें कि नहीं हो सकता तो उस काम को बिगड़ने में देर नहीं लगती या फिर वो काम होता ही नहीं.

सफल होने के लिए जरूरी है कि आपकी सोच कैसी है? सफलता आपकी सोच पर निर्भर करती है. किसी भी काम में सफलता के लिए या फिर एक अच्छा जीवन जीने के लिए आपको हमेशा सकारात्मक रहना जरूरी है. पर क्या ये सभी पारिस्थितियों में संभव हो पाता हैं? नहीं! पारिस्थितियां विपरीत होते ही अक्सर हमारी सोच भी नकारात्मक हो जाती है. क्योंकि हम सिर्फ सकारात्मक सोचने का नाटक करते हैं उसको पूरी तरह समझ नहीं पाएं हैं और विपरीत पारिस्थितियों में ज्यादा देर ये नाटक नहीं कर पाते और निगेटिव हो जाते हैं. पॉजिटिव होना यानी अपनी सोच में क्लैरिटी लाना होता है.

जीवन में लिए गए सही फैसले हमको सफल बनाने है. पर हम तब सही फैसले लें सकते हैं जब हम क्लेयर हैं. यहां क्लेयर का मतलब सीखना और समझना है. लाइफ में बहुत-सी ऐसी परिस्थितियां आती हैं जहां हमारी सोच पर नकारात्मकता हावी हो जाती है. इसके पीछे भी यहीं कारण होता है कि आप सकारात्मक तो हैं लेकिन चीजों को सीख और समझ नहीं रहें हैं और असफल होते हैं. सकारात्मक सोचना उतना मुश्किल नहीं है जितना आप सोच रहे हैं. निराशावादी से आशावादी होने में आपको समय लग सकता है लेकिन यकीन मानिए यह असंभव बिल्कुल भी नहीं है.

नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण रखना एक ऐसी जीवन शैली है या सोचने का ढंग है जिसे आप जीवन में कभी भी अपना सकते हैं. अपने जीवन और सोच को आशापूर्ण और सकारात्मक बनाने के लिए याद रखिए यह सूत्र-

 

चीजों को समझे और उसपर फोकस करें

कर्म करो फल की इच्छा मत करो. देखा जाए तो ये प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं हैं. क्योंकि हर कोई, अपने कोई भी काम को करने से पहले ये सोचने लगता है कि इसका परिणाम क्या होगा. परिणामों की परवाह ना करके अपने काम या परिस्थितियों को समझे कि इसमें बेहतर क्या हो सकता हैं. और जो भी संभावना हो उसपर फोकस करें और समझ से करें. इससे आपको सकारात्मक सोच मिलेगी और आप अपने काम में सफल भी रहेंगे.

 

आशावादी स्वभाव अपनाएं

अपनी सोच और विचारों में खुलापन लाएं. संकीर्ण विचारों के साथ आपका व्यक्तित्व सकारात्मक नहीं हो सकता. हम अपनी लाइफ में बहुत लोगों से मिले होंगे. एक तरफ हमेशा रोना, जल्द ही घबरा जाना और कम लोगों के बीच रहने वाला व्यक्ति हैं. वहीं दूसरी तरफ फुल ऑफ़ लाइफ, हर चीज में संभावनाओं को तलाशने और खुश रहने वाला व्यक्ति हैं तो आप किस के पास जाना पसंद करेंगे. आशावादी होना बहुत जरूरी हैं. इससे दिल और दिमाग दोनों ही दुरुस्त रहते हैं और हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ता है जिससे हम सकारात्मक सोचते हैं.

 

अपने मित्रों का सर्किल बड़ा करें

सकारात्मक सोच आएगी कैसे? जब आप लोगों से मिलेंगे, उनसे बात करेंगे. लोगों को जानेगें उनकी लाइफ, घटनाओं से सबक लेगें. क्योंकि जो भी पॉजिटिव व्यक्ति होते है उनके दिमाग में कोई न कोई बड़ा अच्छा काम होता है. उनका जीने का नज़रियां, लाइफस्टाइल दोनों ही अलग और पॉजिटिव होता है. उनके साथ रहकर भी आपका दिमाग बहुत कुछ सीखेगा और नयी-नयी बाते दिमाग में आएगी. अगर आप लोगों से मिलेंगे नहीं तो आपकी सोच सीमित रह जाएगी.

 

हंसे और हंसाएं

जिंदगी चार दिन की है. जब आप अपनी लाइफ से खुश है और हर समय आपके चेहरे पर मुस्कान रहेगी तो अपने आप ही आपकी सोच का नज़रिया सकारात्मक होगा. इसलिए जब भी मौका मिले हसें और औरो को भी हंसाएं. एक स्टडी से पता चला है की मुस्कराने से आधे से अधिक दुख दूर हो जाते हैं और इससे व्यक्ति अपनी औसत आयु से ज्यादा जीवन जीता हैं.

 

करो खुद से दोस्त

खुद के लिए मैं बहुत आशावादी हूं. इसके अलावा कुछ और होना ज्यादा मायने नहीं रखता. अगर आपने इसे समझ लिया और अपनी लाइफ इसके आधार पर जी तो यकीन मानिए आपसे ज्यादा सफल और खुश व्यक्ति कोई नहीं होगा. सकारात्मक तभी होंगे जब आप खुद को ध्यान दें, खुद से बात करें. जब हम सकारात्मक तरीके से खुद से बात कर समस्या का निदान खोजते हैं, तो हमारी भावनाएं हमें सफल बनाने में मदद करती हैं.

 

करें सुबह की सैर और मैडिटेशन

आप सभी को ये तो पता होगा की सुबह सैर करने से हमारे रोग तो दूर होते ही है इसके अलावा हमारे दिल और दिमाग से भी बहुत सारे नेगेटिव थॉट दूर होते है. सकारात्मक सोच के लिए जरूरी है आप अपना कितना समय अपने दिमाग की शांति में दे रहे है. दिमाग को शांत और स्ट्रेस फ्री रखने के लिए जरूरी है मैडिटेशन करना. इसके जरिये आप अपने नेगेटिव थॉट को दूर कर सकते हैं.

 

प्रेरणादायक किताबें और मोटिवेशनल वीडियोज़ का लें सहारा

अपनी सोच को बदलने के लिए आपको प्रेरणादायक किताबे जरूर पढ़नी चाहिए. इससे आपका मनोबल बढ़ता है. कहते हैं हमें कुछ याद रहे न रहे अच्छी कहानियां जरूर याद रहती हैं. कभी कभी हमें अपने सवालों के जवाब नहीं मिलते जिससे हम परेशान हो जाते हैं और नेगेटिव हो जाते हैं. इसके अलावा आज बहुत से ऐसे मोटिवेशनल स्पीकर और कवि हैं, जिनके वीडियोज से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता हैं जो हमारी परेशानियों को कम करने में भी मददगार साबित होती हैं. तो हम सकारात्मक रहने के लिए इनका सहारा भी ले सकतें हैं.

 

भगवान और अपने कर्म पर करें भरोसा

सकारात्मक रहने के लिए सबसे जरूरी हैं कि हम अपने आराध्य देव पर भरोसा करें. भगवान पर भरोसा रखें. अपने दिन की शुरुआत प्रार्थना से करें. अपने कर्म पर भरोसा करें कि आप जो कर रहें हैं इससे किसी ना किसी का भला हो रहा है. आप किसी का बुरा नहीं कर रहें हैं. जैसे- घड़ी की सुई दिन में एक बार फिर से वही समय जरूर दिखाती हैं वैसे ही लाइफ में कर्म होता हैं जो आपको एक बार फिर से पलट के जरूर वही चीज दिखाता हैं जो आपने दूसरों के साथ की होती हैं. इसका मतलब अगर आज आपके साथ गलत हुआ तो ये आपके गलत कर्म का परिणाम होगा और अगर अच्छा समय हैं तो वो आपके अच्छे कर्म का फल होगा. इसलिए भगवान और अपने कर्म पर भरोसा करना कभी न छोड़ें.

सकारात्मक होना कठिन नहीं हैं. अपने समय से या फिर किसी भी चीज से डरें नहीं आशावादी रहें. क्योंकि एक निराशावादी व्यक्ति को हर अवसर में कठिनाई दिखती है वही एक आशावादी व्यक्ति को हर कठिनाई में अवसर दिखाई देता हैं.

 

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