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Love Matters: फिर से होगा न यार, हैप्पी वाला प्यार!

आज लम्बी स्टोरी वाला प्यार गया तो क्या? कल होगा न फिर से एक बार... Happy Wala Pyar!

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Love

प्यार यूं ही किसी से हो सकता है, पर यूं ही निभाया नहीं जा सकता. दूर तक साथ देने वाले रिश्तों को बनाने में भी वक़्त लगता है और साथ छोड़ते रिश्तों को भूलने में भी. पता है ये सब क्यों होता है? क्योंकि हमारा मन अकेले होने से डरता है, दुखी होता है, दूसरों से जुड़ने के लिए बेचैन रहता हैं. लंबे समय तक रहने वाले रिश्ते हमें बहुत ख़ुशी देते हैं. इन रिश्तों को बनाए रखने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते फिर भी जब इन्हीं रिश्तों में हमें रिजेक्शन मिलता है तो बहुत बुरा लगता है.

कभी सोचा है प्यार में होने पर हम खुद को भूल जाते हैं और फिर जब वही चला जाता है तो भी हमें सिर्फ वही क्यों याद रहता हैं? इस पूरे सीन में आप कहां हो?….. आपकी ख़ुशी आप खुद ही भूल गए. अब ये मत कहना उसके होने पर ही आपकी ख़ुशी थी. वो नहीं तो आपकी लाइफ में कुछ नहीं रहा. ये सिर्फ एक भ्रम है और कुछ नहीं. समय के साथ ये भ्रम भी साफ-साफ़ दिखाई देने लगता है.

मुझे रिजेक्शन बुरा लगता है… वाकई? मैं रिजेक्शन को बर्दाश्त नहीं कर पाती हूं या पाता हूं. पहली बात तो ये दिमाग से हटा दो कि रिजेक्शन में आपका घाटा है. वाकई आपने बहुत कुछ किया होगा इस रिलेशनशिप के लिए, आपके बहुत से सपने टूट गए होंगे. दुःख होगा लेकिन सिर्फ तब तक जब तक आप ये समझ नहीं जाते कि आपका कोई घाटा नहीं हुआ हैं.

Rejection

रिजेक्शन के बाद आपके मन में बहुत से सवाल उठते होंगे. वैसे ये कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं है जिसको लेकर इतना रायता हमने अपनी लाइफ में फैला रखा है. ऐसे में क्या करें और क्या ना करें अक्सर समझ नहीं आता. इन सवालों के जवाब शायद आपको भी पता होंगे लेकिन जरुरत हैं खुद को समझने की…

मैं उसे पसंद नहीं थी? इस चीज के लिए इतना रोना? बचपन से ही प्यार में नहीं पड़े होगे न आप. तब तो खूब गेम खेलते थे, जो मन करता था खाते थे. थोड़े बड़े हुए किताबे अच्छी लगने लगी, कई दोस्त बन गए. जहां मन होता था जाते थे, अपने पसंद के कपड़े पहनते थे. नई आदते बनती थी. कितनी बार आपने खुद को कॉम्प्लीमेंट दिया होगा. और ना जाने कितनी बार आपके फ्रेंड्स और फॅमिली ने. तो एक उसके न पसंद करने से आप बुरे हो गए. क्या सच में उस अकेले की पसंद इतने मायने रखती थी आपके लिए कि आप बाकी सब भूल गए.

किसी का सपना बनो पसंद तो बदलती रहती है!

Boy Girl
Source: WikiHow

तुम याद आते हो? अब किसी को याद करोगे तो आएगा ही न याद. लेकिन कब तक? अगर हमारे अंदर भूलने की ताकत नहीं होती तो हम हर दिन रोते रहते. क्योंकि हमारी लाइफ में हर दिन कोई न कोई प्रॉब्लम आती ही है. ऐसा सोचोगे कि मैं उसे भूल जाऊ तो नहीं भूल पाओगे. ये समझो आपको एक और मौका मिला है खुद पर ध्यान देने का. बेकार में भावुक हो कर समय बर्बाद करने से अच्छा है आप उन बातो पर ध्यान दें जिनसे आपके व्यक्तित्व को और निखारने में मदद मिलें. अपनी खूबिया तो तलाशों, इन खूबियों से आप अपने व्यक्तित्व में चार चाँद लगा सकते हैं.

जब वो मस्त है, तो तुम क्यों सुस्त हो!

मुझे अकेला रहना हैं?  अक्सर लोग कहते हैं खुद के साथ अकेले में समय बिताए. ये कंसेप्ट बिलकुल गलत है. दिनभर कि सारी चीजें अकेले में ही याद आती हैं तो वो क्यों नहीं आएगा. मेरा फंडा कहता हैं ऐसे समय आप बदलाव के लिए तैयार रहे. अगर एक बंदे को आप अच्छे नहीं लगे तो ज़रूरी नहीं कि आप किसी और की आँखों का नूर नहीं बन सकते. दुनिया में और भी लोग हैं. लोगों से मिलें, अलग-अलग ग्रुप का हिस्सा बनें, जिम जाए, नयी जगह घूमने जाएं, क्यूंकि ऐसा करने से आपको ना सिर्फ़ और लोगों से मिलने का मौक़ा मिलेगा बल्कि आप अपने बारे में भी बहुत कुछ जान पाएंगे.

Living Alone
Source: Men Health India

दोबारा ब्लश करने का मौका कहीं भी मिल सकता हैं!

सलाहकार क्या मदद करेंगे? कभी कभी हमको ऐसा लगता हैं कि हमें बहुत कुछ कहना हैं. और हम किसी से भी अपने मन की बात बोल नहीं पाते. अगर आपको ऐसा लग रहा हैं, तो किसी सलाहकार से मिलने में कोई बुराई नहीं है. कई बार दिल में लगी चोट से पार पाने में थोड़ा मुश्किल होती है और ऐसे में बाहरी मदद लेने में झिझक कैसी? आखिर इस में आप ही की भलाई है. कुछ नहीं तो आप अपनी बात कह कर हल्का महसूस कर सकते हैं. और क्या पता सलाहकार की राय आपके काम आ जाए. किसी का अनुभव आपकी लाइफ बदल सकता हैं.

एक नयी शुरुआत हमेशा अच्छी होती है, फ़िर चाहे वो कभी भी हो.

New Start
Source: The Four Cups

वो मेरी लाइफ का सबसे गलत फैसला….. सच में? अगर रिजेक्शन नहीं मिलता तो ये फैसला सही होता. फिर चाहे एक तरफा हो या रिलेशनशिप. रिजेक्ट होते ही गलत फैसला हुआ और जिंदगीभर उस फैसले पर रोते रहे? देखो… सही गलत कुछ नहीं होता. हमारे लिए चोरी करना गलत है, चोर के लिए सही. ऐसे ही रिलेशनशिप में भी होता हैं. जो हमारे हिसाब से गलत है सामने वाले के लिए सही. तो इसमें खुद के फैसले को क्यों दोष देकर वहीं अटके रहना.

खुद को हर चीज के लिए गलत मत ठहराएं!

सब एक जैसे ही होंगे? ऐसा नहीं हैं वो गलत तो क्या सब गलत. किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में आपका आत्मसम्मान और आत्मविश्वास ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है. कभी भी किसी भी अस्वीकृति से अपने आत्मविश्वास को ठेस ना पहुँचने दें. अगर एक व्यक्ति के साथ बात नहीं बनी तो ज़रूरी नहीं कि आप में कोई कमी है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी के लिए भी नहीं बने हैं. और सभी एक जैसे ही होंगे. ऐसे ख्यालों के बजाय सकारात्मक सोच अपनाएं आप अभी भी फैसला ले सकते हैं.

Men

तुम्हारे जैसे गलत का अब कोई चांस नहीं!

….. आप मानोगे नहीं लेकिन सच बताऊ आपको कम से कम 100 बार प्यार हो चुका होगा. देखो एक तरफ एक लम्बी सी लव स्टोरी हैं, जिसमें सब है. ड्रामा, कॉमेडी, इमोशन, फॅमिली, ड्रीम, करियर और फिर दुखद एंड. इसके बाद फिर ड्रामा, डिप्रेसन, अकेलापन, रोना-धोना फिर भी एंड. और एक तरफ है छोटी-छोटी सी लवस्टोरी. जिसमें स्कूल टीचर से प्यार, कॉलेज के सीनियर से प्यार, ऑफिस के सहकर्मी वाला प्यार, सुबह की सैर वाला प्यार, कॉफ़ी शॉप वाला प्यार, फ्राइडे नाईट डिस्को वाला प्यार, शौपिंग से घर जाते समय हम उम्र स्टॉकर वाला प्यार, ट्रेन जर्नी वाला प्यार, फ्लाइट के बगलवाली सीट वाला प्यार. यार लाइफ में हम सबको ये छोटी-छोटी सी लवस्टोरी वाला प्यार बहुत बार हुआ है. क्या कभी इसके लिए रोए हम.. नहीं!

आज लम्बी स्टोरी वाला प्यार गया तो क्या? कल होगा न फिर से एक बार… Happy Wala Pyar!

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