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एक चुस्की चाय के साथ खुलता ‘यादों का पिटारा’

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दुनियाभर में गर्मागर्म चाय के शौकीन लोगों की कमी नहीं है. ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत ही चाय से होती है. कितनी परेशानियों की दवा भी है एक कप चाय. प्यार में, बीमारी में, जिंदगी की पहली शुरुआत में और लाइफ के उन आखिरी पलों में भी चाय ने सबका साथ दिया है. स्ट्रेस हो या एंजॉयमेंट वाले पल, उन तमाम यादों का पिटारा खुल ही जाता है जब हम लंबे अरसे के बाद फैमिली या अपने पुराने दोस्तों के साथ चाय पीने बैठते हैं. चाय सभी के लिए बहुत फायदेमंद है. ये सेहत के साथ ही आपकी फीलिंग्स का भी पूरा ख्याल रखती है. चाय से जुड़े कई लाजवाब किस्से हैं मेरी लाइफ में जो कहीं न कहीं आपकी भी लाइफ से गुजरे होंगे. जैसे- मीरा और विभोर का फेसबुक से शादी तक का सफ़र, विष्णु अंकल का पूरे कॉलोनी में फेमस हो जाना, टी-बैग्स का गलती से बनना, चाय की शुरुआत, टूटी बैंच वाली दोस्तों की कहानी सभी चाय से जुड़ी हैं. तो चलिए चलते हैं चाय के साथ यादों के इस सफ़र में..

फेसबुक से शादी तक के सफ़र को चाय ने लगाया पार

मीरा और विभोर की लवस्टोरी में भी चाय ने बहुत साथ दिया. फेसबुक पर नया अकाउंट बनाने वाली मीरा सभी की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेती थी. एक दिन चैटिंग के दौरान मीरा को ऐसा लगा की गलत बंदें हैं लिस्ट में. हर दूसरा लड़का उसे पहले ही चैटिंग में सिंगल हो या कमिटेड, यही पूछता था. मीरा सभी अननोन लोगों को अपनी फ्रेंडलिस्ट से हटा रही थी,इतने में विभोर का मैसेज आया.. हाय मीरा! मीरा कुछ परेशान सी थी. विभोर ने लिखा, कैसे हो? कहां से हो आप?….. मीरा ने रिप्लाई दिया. सुनो! क्या तुम्हे पता है फेसबुक पर किसी फ्रेंड को ब्लॉक कैसे करते हैं. विभोर ने माफ़ी मांगना शुरू कर दिया और बोला मैं बता दे रहा हूं पर प्लीज!मुझे ब्लॉक मत करना. मीरा ने सभी फ्रेंड डिलीट कर दिए. एक अननोन फ्रेंड में सिर्फ विभोर रह गया था. यहीं से मीरा और विभोर की कहानी की शुरुआत हुई. दो अलग-अलग स्टेट के, डिफरेंट कल्चर वाले मीरा और विभोर ने कभी नहीं सोचा था की उनके चैटिंग से बातों का सिलसिला उनको बहुत करीब ले आएगा. पहले कुछ सालों तक दोस्ती बाद में रिलेशनशिप में बदल गई.अब दोनों ने मिलने का सोचा था. पहली मुलाकात में मीरा ने विभोर को अपने शहर की फेमस चाय पिलाई. वहीं दोनों ने तय कर लिया था की अब शादी करनी है. बात घर तक पहुचीं, कोई तैयार नहीं हुआ. कई साल लग गए फॅमिली को मिलने में. दोनों ने ठान लिया था, मुश्किल से मीरा ने पापा को राजी किया था. यहां विभोर को पापा ने चाय पर बुलाया था. खैर पापा के साथ चाय ने भी बात बना दी थी. फिर फॅमिली का मिलना हुआ और मेरी अदरक वाली चाय ने हम दोनों को एक साथ रिश्ते में बांध दिया. आज मीरा और विभोर हर शाम ऑफिस से आकर टेरिस गार्डन में चाय पीते दिनभर की थकान दूर करते है और अपनी फेसबुक लवस्टोरी को याद करतें हैं.

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विष्णु अंकल का पूरी कॉलोनी में फेमस हो जाना

विष्णु अंकल के सामने वाला घर मेरा है. अंकल पेशे से वकील हैं लेकिन इतना वो इस पेशे में फेमस नहीं जितना कि वो पूरी कॉलोनी में फेमस हैं, पता है क्यों? चाय की वजह से.कोई भी हो, अंकल के घर से बिना चाय पिए नहीं जा सकता. कोई मेहमान आया तो बाहर से अंकल जी की आवाज आती है, अरे गोलू की मम्मी, जरा दो कप चाय तो ले आओ. जब अंकल जी का सि‍र दर्द शुरू हो जाए, तो आंटी फटाफट अदरक, काली मिर्च वाली चाय तैयार रखती हैं. कॉलोनी में किसी को भी सर्दी जुखाम हो जाए तो अंकल के पास उसका भी इलाज है – तुलसी वाली चाय. हम भी मौज लेने में कम नहीं थे. चुटकी लेते हुए कहते थे कि अंकल के घर में राशन में सबसे ज्यादा चाय के पैकेट ही आते होंगे. सुबह हो या शाम, अंकल अपनी बालकनी में खड़े होकर जोर से आवाज लगाते नमस्ते शर्मा जी! क्या हाल-चाल. आओ चाय पी लो….! उनके बोलते ही शर्मा अंकल भी पहुंच जाते और फिर चाय के साथ जोर-जोर से ठहाकों की आवाज. अब तो आंटी भी अपना कप लेकर अंकल को कंपनी देतीं हैं.कुल मिलाकर अंकल ने चाय से सभी को अपना फैन बना लिया है. अब सिर्फ हम इंतज़ार कर रहें हैं की अब अंकल की नजर हम पर पड़े और वो हमे भी चाय पर बुलाएं.

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याद आती है वो यारों के साथ टूटी बैंच

कभी ऑफिस से आकर अकेले शाम के टाइम चाय की चुस्की लो तो सिर्फ दोस्तों के साथ बिताए कॉलेज के पल याद आते हैं. ऐसा शायद आपके साथ भी होता होगा. चाय की एक-एक चुस्की में कॉलेज की यादों का इडियट् बॉक्स खुल जाता है. जब हम अक्सर अपने दोस्तों के साथ कॉलेज के पास वाले चाय की दुकान पर जाया करते थे. दुकान की सूरत बेहाल थी पर पता नहीं क्यों वो जगह हमें जन्नत जैसा सुकून देती थी.वो हिलती हुई बैंच जिस पर हम बैठने के साथ चाय भी रखने की प्रैक्टिस किया करते थे. ऊपर लगी हुई त्रिपाल हमें गर्मी में सूरज की रौशनी और बारिश में पानी से बचाती थी.सारे डिस्कशन वहीं हुआ करते थे हमारे. फिर वो बात किसी लड़की को पटाने की हो,सीनियर्स को गालियां देने की या फिर करियर प्लान, सभी उस चाय की दुकान पर डिस्कस होता था. एग्जाम टाइम में रात 2 बजे भी बूढ़े बाबा को जगा कर चाय बनवाते थे. एग्जाम हमारा होता था और बाबा रात-रात भर जागते थे.

आज कई सालों बाद वहां का नजारा अलग था. टूटी बैंच अब प्लास्टिक की कुर्सियों में बदल गयी थी. चाय के साथ कई सारे नाश्ते भी मिलने लगे थे. ऊपर वाली त्रिपाल अब वाइट एंड रेड शेड्स में तब्दील हो गयी थी. हमारी आँखें अभी भी टूटी बैंच और उन बाबा को खोज रही थी. तभी एक छोटा लड़का आया और बोला बताइए क्या लाऊं? चाय पिला दे यार.कई साल बाद आज फिर एक कप चाय ने उन यादों को ताजा कर दिया था.

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गलती से बन गए टी बैग्स

गलती बहुत कुछ सिखाती है. इसके बहुत से उदाहरण हमने पढ़ें होंगे, बहुत से लोगों ने अपनी लाइफ में भी ऐसा एक्सपीरियंस किया होगा और कुछ गलती पर गलती कर के भी नहीं सीखतें होंगे मेरी तरह. टी बैग्स का बनना मेरे जैसे आलसियों के लिए वरदान जैसा है, पर सच बताऊ मुझे नहीं पता था कि टी बैग्स का इन्वेंशन गलती से हुआ था.अमेरिका के एक व्यापारी थॉमस सुलिवन ने चाय के सैंपल सिल्क बैग में डालकर ग्राहक को भेजे. ग्राहक ने गलती से पूरा सिल्क बैग ही गरम पानी में डाल दिया. फिर उसको पीने के बाद टेस्ट में अच्छा लगने लगा. फिर क्या सुलिवन को अपनी इस गलती का फायदा मिलने लगा तो उसने टी को बैग्स में डालकर बेचना शुरू कर दिया. तो यहां से हुई एक बहुत अच्छे काम की शुरुआत.

 

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और हो गयी चाय की शुरुआत

मेरी तरह आपको भी यही लगती होगा की सबसे पहले चाय हम भारतीयों ने पीना शुरू किया है? नहीं! आपको बता दूं इस मामले में चीन के लोग हमसे आगे हैं. उन्होंने सबसे पहले चाय पीना शुरू किया.ऐसा कहा जाता है कि चीन के एक राजा ‘शैन नुंग’ के सामने गरम पानी का प्याला रखा गया था, उसमें गलती से चाय की सूखी पत्तियां गिर गईं और उस पानी का रंग बदल गया. राजा ने जब इस पेय को पीया तो उसे यह नया स्वाद बेहद पसंद आया और तब से ही चाय पीने की शुरुआत हो गई.

 

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सर्दियों की दवा थी चाय, भारतियों ने लगाई लत

पानी के बाद चाय ऐसा पेय पदार्थ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाता है. शुरू में चाय केवल सर्दियों में दवाई की तरह पी जाती थी. इसे रोज पीने की परंपरा भारत में ही शुरू हुई. भारत में 1835 से चाय पीने की शुरुआत हुई. कहा जाता है कि 1,500 से ज्यादा प्रकार की चाय होती है जिसमें काली, हरी, सफेद और पीली चाय काफी फेमस हैं.

ऐसे कई सारे चाय के किस्से हैं जिसे हम चाय पीने के साथ-साथ याद करते होंगे. तो पीजिए एक कप चाय और हमें बताइए अपना चाय के किस्सा!

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